लिवर खराब होने के कारण,लक्षण और इलाज
लीवर का खराब होना क्या है ?
लीवर जिसे यकृत(जिगर) भी कहते है हमारे शरीर के अंदरूनी अंगों में सबसे बड़ा अंग होता है। यह पेट के अंदर दायीं तरफ की पसलियों के पीछे स्थित होता है। लीवर की खराबी अधिकतर उन लोगों में होती है जो शराब अधिक पीते हैं। कभी-कभी जिगर(liver) में उत्पन्न घाव का उपचार ठीक से न होने पर जिगर में कई प्रकार के विकार पैदा हो जाते हैं जिससे जिगर ठीक से काम नहीं करता है। इस रोग में पहले जिगर बढ़ता है और फिर छोटा हो जाता है। जिगर का परीक्षण करने से पता चला है कि इस रोग में जिगर बढ़ जाता है और जिगर के बगल में दर्द होता है। यह रोग ज्यादा बढ़ जाने पर पेट में सूजन आ जाती है, अधिक बढ़ने पर पैरों में भी सूजन आ जाती है। कभी-कभी इससे पीलिया भी हो जाता है। इस रोग में बदहजमी हो जाती है और रोगी दिन-प्रतिदिन कमजोर होता जाता है। |
लिवर खराब की पहचान और लक्षण
लीवर खराब होने के प्रमुख लक्षण 1- पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द का होना 2- पेट पर सूजन आने से पेट बाहर की ओर निकल जाना लीवर सिरोसिस रोग का संकेत हो सकता है 3- इस रोग में जीभ मैली हो जाती है और मुख का स्वाद खराब हो जाता है 4-इस रोग में आलस, सिर दर्द, काला दस्त, दस्त में आंव आना, कब्ज बनना व जी मिचलाना जैसे लक्षण प्रगट हो सकते है 5. दाईं कोख में पसली के नीचे बोझ और भरीपन का महसूस होना आदि लक्षण दिखाई देते हैं 6. लीवर खराब होने पर रक्त में पित्त वर्णक बिलीरूबिन का स्तर बढ़ जाता है जिसके कारण मूत्र का रंग गहरा पीला हो जाता है |
लिवर खराब होने के कारण 1- शराब या अन्य नशीले पदार्थों का अधिक समय तक और अधिक मात्रा में उपयोग यकृत (लीवर) की बीमारी का कारण बनता है।शराब लीवर को सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती है। 2- कुछ अंग्रेजी दवाओं के अधिक मात्रा में सेवन के कारण लीवर को क्षति पहुंच सकती है। जैसे पेरासिटामोल का अधिक उपयोग तथा कैंसर के उपचार में काम आने वाली कुछ दवाओं के कारण यकृत (लीवर) प्रभावित हो सकता है। 3- लीवर कई बार किसी वायरस, आनुवांशिक रोग, पुराना मलेरिया, ज्वर, अधिक मीठे , अधिक तले भुने पदार्थो का सेवन, दूषित,बासी खान पान, कब्ज आदि से लिवर के खराब हो जाता है । 4- कई बार बुखार ठीक होने के बाद भी लिवर खराब रहता है या कठोर और पहले से बड़ा हो जाता हैं। इस रोग के घातक रूप ले लेने से लिवर सिरोसिस हो सकता है। |
लिवर खराब होने पर क्या खाना चाहिए ✱ ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन । ✱ अधिक मात्रा में पानी पिए । ✱ लीवर के रोगों में पालक और चकुंदर का जूस पीना लाभकारी है । ✱ याद रखें लीवर के रोगों में मरीज का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए । |
लिवर खराब होने पर क्या नहीं खाना चाहिए ✱ शराब, ,चाय, काफी, जंक फूड आदि से परहेज करें । ✱ एंटीबायोटिक दवाईयों का अधिक मात्रा में सेवन न करें । ✱ सफेद डबलरोटी, बर्गर, जंक फूड और मैदा से बने भोजन ना खाएं | ✱ अत्यधिक तले हुए भोजन से परहेज करें । ✱पास्ता, चाय, मैगी, चौमीन, कॉफी, तंबाकू, मांस खासकर रेड मीट और मिठाइयां न खाएं-पिएं । |
लिवर खराब होने पर उपचार
1- अदरक अदरक के 1 ग्राम बारीक चूर्ण को पानी के साथ सुबह-शाम लेने से जिगर की बिमारी में आराम मिलता है। |
![]() |
2- ककड़ी 5-5 ग्राम ककड़ी, खीरे के बीज, कासनी के बीज पानी के साथ पीसकर इसमें खांड मिलाकर सुबह-शाम पीने से जिगर की खराबी में राहत मिलती है। |
![]() |
3- इमली 20 ग्राम इमली के बीज को 250 मिलीलीटर पानी के साथ रात को भिगो दें और सुबह इसे पानी में मसलकर चीनी मिलाकर पीने से जिगर को आराम मिलता है। |
![]() |
4- छाछ 1-1 गिलास छाछ दिन में 2-3 बार पीने से जिगर का रोग ठीक होता है। |
![]() |
5- कसौंदी 10 ग्राम कसौदी बूंटी के पत्ते, 7 कालीमिर्च पानी के साथ पीसकर छानकर सुबह-शाम पीने से जिगर की कमजोरी ठीक हो जाती है। |
![]() |
6- अजवायन 12 ग्राम देशी अजवायन को 125 ग्राम पानी के साथ मिट्टी के बर्तन में रात को भिगो दें। सुबह इसी पानी को निथार कर पीने से 7 दिनों तक जिगर में खून की कमी दूर हो जाती है। |
![]() |
7- जवारिस 6 ग्राम जवारिस और 6 ग्राम जालीनूस को खाना-खाने के बाद सुबह-शाम लेने से जिगर की बीमारी दूर होती है। |
![]() |
8-पीपल पीपल का 5 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम लेने से जिगर की बिमारी से राहत मिलती है। |
9- अर्कक्षार आधा ग्राम अर्कक्षार शहद या गर्म पानी से खाना-खाने के बाद सेवन करने से जिगर की परेशानी दूर होती हैं। |
10-अभयालवन 1-1 ग्राम अभयलावन और अर्कलवन को गर्म पानी से खाना-खाने के बाद लेने से जिगर की खराबी दूर होती है। |
11- सोंठ 20-20 ग्राम सोंठ, बालछड़ और दालचीनी को अच्छी तरह छानकर इसमें 60 ग्राम खांड मिलाकर 5-5 ग्राम की मात्रा दिन में सुबह-शाम लेने से जिगर की खून की कमी दूर होती है। |
Medical Disclaimer
Explicitly state that the information provided on the site is for educational purposes only, and does not substitute for professional medical advice.
Advise users to consult a medical professional or healthcare provider if they’re seeking medical advice, diagnoses, or treatment.